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सूर्यकुमार भाग 3

जोरू का जोकर पार्ट 3

शांति दरवाजा खोलती है तो देखती है, उसके सामने एक अजीब लड़की खड़ी है "कौन हो तुम"? शांति ने पूछा

"लैला"! "हर कोई चाहे मुझसे, मिलना अकेला"! लैला ने कहा

"पर मुझे नहीं मिलना, तुमसे"! शांति ने कहा

"झूठी कहीं की, अरे तुझसे कौन मिलने आया है"? "मैं तो अपने मुंह बोले भाई, धर्मेंद्र से मिलने आई हूं"! लैला ने बताया

"अरे, मैं तो भूल ही गई थी, "कर्मवीर"! "जल्दी चलो, तुम्हारे जीजा का एक्सीडेंट हो गया है और वह आखिरी सफर, हॉस्पिटल में आखिरी सांस से ले रहे हैं, मैं विधवा होने से पहले, एक बार उनसे मिलना चाहती हूं"!

"क्या"? "जीजा का एक्सीडेंट हो गया है"! कर्मवीर ने मुस्कुराते हुए पूछा

"हां, जल्दी चलो"! शांति ने कहा

फिर वह दोनों फटाफट घर को खुला छोड़कर चले जाते हैं

उधर दूसरी तरफ धर्मेंद्र एक व्यक्ति को ₹500 देता है और कहता है -"तूने काम तो 5 लाख का किया है पर अभी कड़की चल रही है, इसलिए 500 दे रहा हूं, जा, ऐश कर और इस नंबर से फोन आए तो उठाना मत"!

फिर धर्मेंद्र अपने घर आता है तो देखता है, घर पर कोई नहीं है!

"लगता है, शांति चली गई है, अब मुझे लैला को समझाना होगा और यहां से फटाफट नौ दो ग्यारह करना होगा"! धर्मेंद्र ने मन मे सोचा

तभी धर्मेंद्र के कानों में किसी के, गाने की आवाज सुनाई देती है

"लैला मैं लैला"!

"ऐसी हूं लैला"!

"हर कोई चाहे,मुझसे"!

"मिलना अकेला"!

फिर धर्मेंद्र दूसरे कमरे में जाता है तो देखता है, एक अर्धनारी, जो ना तो लड़की लगती है, ना लड़का लगता है, कमरे में बैठी है

"कौन हो तुम"? धर्मेंद्र ने पूछा

"झूठे कहीं के, मुझे नहीं पहचाना, मैं लैला हूं, तुम्हारी कॉलेज की सेटिंग, धोखेबाज कंही के, इतनी जल्दी भूल गए"! लैला ने बताया

"तुम, वह हो ही, नहीं सकती, वह तो बवाल थी और तुम तो बर्बाद हो, चलो निकलो यहां से"! धर्मेंद्र ने कहा

"विदेश जाकर, मेरी सोच पूरी तरह बदल गई, इसलिए मैंने जेंडर चेंज सर्जरी कर लिया और अपनी सोच, अपनी जिंदगी और अपने सभी रिश्तों को भी बदल दिया, मैंने, मम्मी को पापा, पापा को मम्मी, बॉयफ्रेंड को भाई और भाई को बहन बना लिया है, इसलिए कॉलेज के टाइम तुम मेरे बॉयफ्रेंड थे, अब मेरे, भाई बन गए हो, तुम्हें राखी बांधने आई हूं"! लैला ने कहा

"विश्वास नहीं हो रहा है, ऐसा भी होता है पर मैं, तुमसे राखी नहीं बंधवा सकता, क्योंकि तुम्हारी सोच बदली है, मेरी नहीं"! धर्मेंद्र ने कहा

"बदमाश कहीं के, लुच्चा, आज भी इमरान हाशमी जैसी बातें करते हो"! लैला ने कहा

"अब जब तुम्हारी सोच और तुम्हारा मामला, पूरी तरह बदल गया है, तो प्लीज अब कभी यहां मत आना, क्योंकि अगर तुम्हें, मेरी पत्नी ने देख लिय या तो नई मुसीबत खड़ी हो जाएगी"! धर्मेंद्र जी ने निवेदन करते हुए कहा

"जब से मैंने, जेंडर चेंज सर्जरी कराई है, तब से सब कुछ बदल गया है, अब मुझे, मेरे सभी दुश्मन, मेरी औलाद की तरह दिखाई देते हैं, इसीलिए शांति पहले मेरी दुश्मन थी, अब मेरी बेटी बन गई है और तुम मेरे जमाई बन गए हो, अपनी सासु के पैर छुओ"! लैला ने कहा

"दिमाग खराब हो गया है तुम्हारा, ना जाने कौन-कौन से नाजायज रिश्ते पैदा कर रही हो, अब जाओ यहां से, शांति ने देख लिया तो तुम्हारी जान ले लेगी"! धर्मेंद्र ने कहा

"मेरी बेटी, मेरी जान नहीं ले सकती, दामाद जी और वह तो कह रही थी कि तुम्हारा एक्सीडेंट हो गया है और तुम आखिरी सफर, हॉस्पिटल में आखिरी सांसे ले रहे हो पर तुम तो सांड जैसे चंगे हो"! लैला ने पूछा

"तुम यहां से, जाने का क्या लोगी"? धर्मेंद्र ने खींजते हुए पूछा

"मेरे पैर छुओ और मुझसे आशीर्वाद लो, तब मैं जाऊंगी, जमाई जी"! लैला ने कहा

फिर धर्मेंद्र अपने मन में सोचता है -"इस मेंटल के पेर छुकर, इसे यहां से 9,2,11,कर देता हूं, ऐसे भी इस बंद कमरे में मुझे, यहां कौन देख रहा है"!

यह सोचकर धर्मेंद्र उसके पैरों में झुकता है, तो, लेला उसके दोनों कंधे पकड़ कर, उसे अपनी बाहों में भर लेती है और कहती है -"तुम्हारी जगह मेरे पैरों में नहीं, मेरे दिल में है, जमाई राजा"!

बस उसी क्षण वहां शांति और कर्मवीर भी आ जाते हैं और धर्मेंद्र - लेला को गले मिलते देख लेते हैं

"दीदी"! "देख लो इस शक्ति कपूर जीजा को, कह दो, यह भी झूठ बोल रहा हूं, मेरी आंखें कमजोर है"! कर्मवीर ने शांति से कहा

"हाय"! "में लुट गई, बर्बाद हो गई, मेरा पति, मेरी पीठ पीछे, रंगरेलियां मना रहा है, मैं किसी को मुंह दिखाने लायक नहीं रही, "है भगवान, अब मैं क्या करूं"? शांति ने रोते, बिलखते, सिर पीटते, हुए कहा

"अरे यार, मैंने कुछ नहीं किया, यह जबरन मेरे गले पड़ रही है"! धर्मेंद्र ने कहा

"बेटी शांति, चुप हो जाओ, जमाई ने मेरे साथ कोई रंगोली नहीं मनाई है"! लैला ने कहा

"बेटी"! "जमाई"! "तुम, मुझे बेटी और धर्मेंद्र को जमाई क्यों बोल रही हो"? शांति ने लीला से पूछा

"क्योंकि आज से तुम मेरी बेटी हो और धर्मेंद्र मेरा जमाई है"! लैला ने बताया

"पागल हो गई हो क्या"? "क्या मेरे पापा ने तुमसे, दूसरी शादी कर ली है"? शांति ने पूछा

"नहीं की है, परिवर्तन प्रकृति का नियम है, "बेटी"! "यह सभी नए रिश्ते, मुझ में आए बदलाव, होने के कारण बने हैं, तुम अपने पति और मेरे जमाई पर शक मत करो, तुम्हारा, पति गंगा नदी से भी पवित्र है, मैं, तुम्हारे पति को गले लगा कर, आशीर्वाद दे रही थी"! लैला ने बताया

"तुम पागल हो गई, हो क्या"? "कैसी बेहूदा बातें कर रही हो"? शांति ने कहा

"प्रेम में सभी पागल हो जाते हैं, जब से मैंने, (जेंडर चेंज सर्जरी) कराई है, मैं पूरी तरह बदल गई हूं, मेरी जिंदगी, मेरे सभी रिश्ते बदल गए हैं"! लैला ने कहा

"ठीक है, तुम किसी डॉक्टर के पास जाओ, तुम्हें किसी अच्छे डॉक्टर की जरूरत है"! शांति ने बताया

"ठीक है, चलती हूं, "बेटी"! "सदा सुखी रहो"! लैला आशीर्वाद देकर चली जाती है

"धर्मेंद्र"! "यह कैसे-कैसे अजीब लोग, मेरे घर आ रहे हैं, तुम जरूर कुछ गलत काम कर रहे हो और मुझसे छुपा रहे हो"! शांति ने कहा

"अरे यार, यह पागल हो गई है तो इसमें, मेरी क्या गलती"? "तुम्हारे माथे, जहर खाकर मर जाऊंगा, सच्ची बता रहा हूं, "मैं"! धर्मेंद्र ने कहा

"तुम्हारा तो एक्सीडेंट हुआ था और तुम तो बहुत सीरियस कंडीशन में थे फिर तुम, यहां अच्छे भले कैसे हो"? शांति ने पूछा

"मेरा कोई एक्सीडेंट नहीं हुआ, सर दर्द कर रहा था तो सरकारी अस्पताल से यह चार गोली लेकर आया हूं, डॉक्टर ने आराम करने को कहा है, इसलिए दुकान नहीं गया, वापस घर आ गया"! धर्मेंद्र ने बताया

"फिर वह झूठा फोन किसने लगाया था"? शांति ने धर्मेंद्र से पूछा

"लगाया नहीं, किसी से लगवाया होगा"! कर्मवीर ने कहा

"किसने लगाया होगा और क्यों लगवाया होगा"? शांति ने कर्मवीर से पूछा

"किसी ने अप्रैल फूल मनाया होगा, तुम्हारे साथ, में तो यार, एकदम चकाचक हूं"! धर्मेंद्र ने कहा

"अगस्त के महीने में कौन गधा अप्रैल फूल मना रहा है कंजूस जीजा, मुझे तो यह किसी की सोची समझी, साजिश लग रही है"! कर्मवीर ने कहा

"पर ऐसा कौन कर सकता है"? शांति ने पूछा

"बगल में छोरा और जगत में ढिंढोरा, सामने ही तो खड़ा है छिछोरा"! कर्मवीर धर्मेंद्र की ओर देखते हुए कहा

फिर धर्मेंद्र कर्मवीर को एक चांटा मारता है और कहता है

-"तेरा मतलब"! "मैंने ही अपने, एक्सीडेंट की झूठी, अफवाह उड़ाई है, सीआईडी की औलाद, अब यह बता, मैंने ऐसा क्यों किया"? धर्मेंद्र ने पूछा

"यह तो तुम ही बता सकते हो, "शक्ति कपूर"! "जीजा"! "बताओ, तुमने ऐसा क्यों किया"? कर्मवीर ने ऊंची आवाज में पूछा

"तूने  मेरी जिंदगी नरक बना रखी है, रोज मुझ पर झूठे इल्जाम लगाता है, आज तेरा गला घोटकर मार दूंगा, भले मुझे जेल हो जाए"! धर्मेंद्र ने कर्मवीर का गला दबाते हुए कहा

"गला छोड़ो, मेरे भाई का और बताओ, तुमने ऐसा क्यों किया"? शांति ने धर्मेंद्र से गुस्से में पूछा

"मैंने नहीं किया है, यार"! धर्मेंद्र ने गला छोड़कर कहा

"तो फिर, किसने किया है"? शांति ने पूछा

"मुझे क्या पता, किसने किया है"! धर्मेंद्र ने कहा

"तुम्हें क्यों नहीं पता, किसने किया है"? शांति ने पूछा

"क्योंकि मैं उसे, नहीं जानता हूं"! धर्मेंद्र ने कहा

"तुम क्यों उसे, नहीं जानते हो"? शांति ने फिर पूछा

"क्योंकि मेरा सिर दर्द कर रहा है"! धर्मेंद्र ने कहा

"सर दर्द की गोली खाओ और बताओ"? शांति ने पूछा

"नहीं खाना गोली और नहीं बताना"! धर्मेंद्र ने गोली फेंक कर कहा

"क्यों नहीं बताना चाहते हो"? शांति ने पूछा

"क्योंकि मेरा मूड नहीं है"! धर्मेंद्र ने कहा

"अरे दीदी, इस मक्कार जीजा से क्या पूछती हो"? "इस नंबर पर फोन लगाकर, उस व्यक्ति से पूछो, जिससे इन्होंने फोन लगवाया था"! कर्मवीर ने कहा

"वह सूअर, फोन नहीं उठा रहा है"! मेरा शांति ने कहा

"चलो, थाने चलकर, उसके नंबर की रिपोर्ट लिखा देते हैं, जब पुलिस के चार डंडे पड़ेंगे तो वह असली मुजरिम का नाम बता देगा"! कर्मवीर ने कहा

"अभी, मैं थक गई हूं और भूख भी लग रही है, कल चलेंगे, धरती-आसमान एक कर दूंगी पर सच्चाई का पता लगा कर रहूंगी, जिसने भी सच्चाई छुपी है, उसके मुंह में हाथ डालकर, हलक से सच्चाई बाहर निकालूंगी, शांति को बेवकूफ बनाना, इतना आसान काम नहीं है"! शांति ने गर्व से कहा

"ठीक है दीदी, कल चलेंगे, "दीदी"! "मुझे बहुत जोर से भूख लग रही है, चार-पांच पराठे बना दो, अचार से खा लूंगा"! कर्मवीर ने कहा

"मैं सुबह से भाग-भाग कर थक गई हूं, किचन में जाकर तू ही बना ले, तेरे जीजा जी, तेरी हेल्प कर देंगे और कुछ मेरे लिए भी बना देना"! शांति ने अलसाते हुए कहा

"अरे, याद आया, आज मेरे दोस्त की शादी है, मुझे वहां जाना है, खाना भी वही खा लूंगा"! कर्मवीर ने कहा

"आलसी कहीं के, "देव सो गए हैं, अब 6 महीने तक किसी की शादी नहीं होने वाली है, तेरे बाप की शादी में जाना है तुझे"! धर्मेंद्र ने कहा

"अरे, अनपढ़ जीजा, वह क्रिश्चियन है, उनमें 12 महीने, शादी होती है"! कर्मवीर ने बाहर निकलते हुए कहा

कर्मवीर के जाने के बाद, धर्मेंद्र, शांति की ओर देखता है तो वह कहती है "बताओ किस ने फोन लगाया था"?

"अगर बता दूंगा तो क्या करोगी"? धर्मेंद्र ने पूछा

"उसकी जुबान निकाल कर, कुत्ते को खिला दूंगी, बस तुम उसका नाम बता दो"! शांति ने फिर पूछा

"कर्मवीर ने लगाया था"! धर्मेंद्र ने कहा

"पर कर्मवीर तो उस वक्त, मेरे पास ही खड़ा था"! शांति ने बताया

"मेरा मतलब, कर्मवीर ने किसी से लगवाया था"! धर्मेंद्र ने कहा

"किस से लगवाया था और क्यों"? शांति ने पूछा

"मुझे क्या पता, कर्मवीर से पूछो"! धर्मेंद्र ने कहा

"तुम झूठ बोल रहे हो, कर्मवीर ऐसा नहीं कर सकता, क्योंकि वह अपनी बहन के सुहाग का बहुत सम्मान करता है"! शांति ने कहा

"अरे, वह अपने सगे बाप का सम्मान नहीं करता, मेरा क्या, खाक सम्मान करेगा"! धर्मेंद्र ने कहा

"पर कर्मवीर को ऐसा करने से, क्या मिलेगा"? शांति ने पूछा

"उस कामचोर की तनख्वाह नहीं बढ़ा रहा इसलिए, उसने मुझे कल धमकी दी थी कि अगर उसकी तनख्वाह नहीं बधाई तो वह हमारा जीना दुश्वार कर देगा, वही कर रहा है, यह सब"! धर्मेंद्र ने कहा

"तो तुम, उसे बेचारे की तनख्वाह बड़ा, क्यों नहीं देते हो, अपने हक की लड़ाई लड़ना, उसका अधिकार है, इसलिए इस लड़ाई में, मैं भी उसका साथ दूंगी और उसे उसका हक दिलाऊंगी"! शांति ने कहा

"अपना घर जलाकर, उजाला देखना चाहती हो, अगर उस निकम्मे की तनख्वाह 30,000 कर दी तो हमें, एक टाइम खाना, खाना पड़ेगा"! धर्मेंद्र ने कहा

"हां, खाने से याद आया, मुझे भूख लग रही है, प्लीज कुछ बना दो"! शांति ने प्यार से कहा

"मेरा सिर बहुत दर्द कर रहा है, मैं नहीं बना पाऊंगा"! धर्मेंद्र ने बताया

"ज्यादा लाड़ में, मत आओ, चिल्लाकर कहूंगी, तभी समझोगे और मेरा पेट भरना तुम्हारी जिम्मेदारी है, तुम्हारा पति धर्म है, उसे निभाओ और फटाफट खाना बनाओ"! शांति ने कहा

"तुम भी थोड़ा पत्नी होने का धर्म निभाओ, घर का और बाहर का सारा काम मुझसे कर आती हो"! धर्मेंद्र ने कहा

"ज्यादा होशियारी, मत दिखाओ, तुमने शादी से पहले, मुझसे वादा किया था कि तुम, मुझे अपने घर की रानी बना कर रखोगे, जाओ, रानी की आज्ञा का पालन करो"! शांति ने कहा

"मेरा दिमाग खराब था, जो मैंने, तुम्हें रानी बनाने का वादा किया था, एक गलती की सजा, जिंदगी भर मत दो यार"! धर्मेंद्र ने कहा

"अपने पति धर्म को तुम, सजा समझते हो, कितने गैर जिम्मेदार पति हो तुम, ठीक है, अगर मुझे भूखा रखकर, तुम्हें सुकून मिलता है तो मैं भूखी रह लूंगी पर किसी से नहीं कहूंगी कि मेरे पति मुझे भूखे रखते हैं, क्योंकि मैं अपने पत्नी धर्म का पालन करती हूं"! शांति ने नया पासा फेंकंते हुए कहा

"अरे, ठीक है यार, बनाता हूं, क्यों इमोशनल ब्लैकमेल कर रही हो"? धर्मेंद्र ने कहा

फिर धर्मेंद्र खाना बना कर लाता है और दोनों बैठ कर खाते हैं

"ऐसी रोटी बनाई हैं, पूरी जला दी"! शांति ने धर्मेंद्र के मुंह पर रोटी फेंकते हुए कहा

"अरे यार, फेको मत, मैं खा लूंगा"! धर्मेंद्र ने कहा

"सब्जी में नमक नहीं है, रोटी जला दी है, इससे अच्छा तो होटल से मंगा कर खा लेना चाहिए"! शांति ने कहा

"होटल से मंगवा लेना पर कभी खुद बनाकर, मत खाना ओर ना मुझे खिलाना, तुमने तो हाथों में हमेशा के लिए मेहंदी लगा रखी है"! धर्मेंद्र ने कहा

"खाते टाइम, चिड़चिड़ मत किया करो, अन्न का अपमान होता है"! शांति ने कहा

"और तुमने जो अभी, मेरे मुंह पर रोटी फेकी थी, वह उन्न अपमान नहीं था"! धर्मेंद्र ने पूछा

"वह अन्न का अपमान नहीं, तुम्हारी गलती की सजा थी"! शांति ने कहा

फिर धर्मेंद्र शांति खाना खाकर सो जाते हैं, कुछ देर बाद फिर कोई दरवाजा खटखटाता है

धर्मेंद्र उठकर दरवाजा खोलता है तो लेला को देखता है फिर धर्मेंद्र उसका हाथ खींच कर उसे घर में लाता है और कहता है -"आ जाओ, मेरी जान"!

"अरे, धीरे बोलो, अगर शांति जाग गई तो हम दोनों की जान ले लेगी"!

"अरे, शांति अब दो-तीन घंटे तक जागने वाली नहीं है, मैंने इसे खाने में चार नींद की गोली मिलाकर खिलाई है, अब शांति तो क्या, शांति का बाप भी, शांति को नहीं जगा सकता, तुम नो टेंशन रहो, चलो उस कमरे में चलते हैं"!

फिर वह दोनों, दूसरे कमरे में चले जाते हैं और दरवाजा बंद करते हैं, कुछ देर बाद, शांति की नींद खुलती है

"अरे,,,धर्मेंद्र कहां चला गया"? "धर्मेंद्र"! "धर्मेंद्र"! पुकारती हुई शांति दूसरे कमरे का दरवाजा खोलती है!

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2 Comments

hema mohril

11-Oct-2023 09:36 PM

V nice

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Gunjan Kamal

02-Oct-2023 02:44 PM

👏👌

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